google-site-verification=swiDAKJayMMZfFe7iOWH_o40LJwoKUu7o47q9B1or1c बप्पा रावल

बप्पा रावल


एक महान योद्धा महाराणा बप्पा रावल

 


बप्पारावल (713-810) मेवाड़ राज्य में गुहिल राजवंश के संस्थापक राजा थे| बप्पारावल का जन्म मेवाड़ के महाराजा गुहिल की मृत्यु के 191 वर्ष पच्यात 712 ई.  में ईडर मे हुआ |  उनके पिता ईडर के शासक महेंद्र सिंह दितीय II थे |
 


परिचय =>  बप्पा रावल मेवाड़ के संस्थापक थे कुछ जगहो पर इनका नाम कालाभोज है (गुहिल वंश संस्थापक - राजा गुहादित्य ) इसी राजवंश मैं सिसोदिया वंश का निकास माना जाता है, जिसमें आगे चल कर महान राजा राणा कुंभा, राणा सांगा, उदय सिंह, महाराणा प्रताप, बप्पा रावल,  अमर सिंह  वास्तव में व्यक्तिवाचक शब्द नहीं है, अपितु जिस तरह "बापू" शब्द महात्मा गांधी के लिए रूढ़ हो चुका है उसी तरह आदरसूचक "बापा" शब्द भी मेवाड़ के एक नृपविशेष के लिए प्रयुक्त होता रहा है |  सिसोदिया वंशी राजा कालभोज का ही दूसरा नाम बापा मानने  में कुछ ऐतिहासिक  असंगति नहीं होती है |  इसके प्रजासरंक्षण, देशरक्षण आदि कामों से प्रभावित होकर ही संभव वत जनता ने इसे बापा पदवी से विभूषित किया था महाराणा कुंभा के समय में रचित एकलिंग महात्म्य मैं किसी प्राचीन ग्रंथ या प्रशस्ति के आधार बापा का समय संवत 810 (सन 753)  इ. दिया है |  दूसरे एकलिंग महात्म्य से सिद्ध है  कि यह बापा के राज्यत्याग  का समय था | बप्पा रावल को रावल की उपाधि भील सरदारों ने दी थी | जब बप्पा 3 वर्ष के थे तब वे उनकी माता जी असहाय महसूस कर कर रहे थे तब भील समुदाय ने उन दोनों की मदद कर सुरक्षित रखा, बप्पा रावल का बचपन भील जनजाति के बीच रह कर बिता, भील समुदाय ने अरबों के खिलाफ युद्ध में बप्पा  रावल का सहयोग किया | यदि बप्पा का राज्यकाल 30 साल का रखा जाए तो वह सन 723 के लगभग गद्दी पर बैठे होगे | उससे पहले भी उनके वंश के कुछ प्रतापी राजा मेवाड़ में हो चुके थे परन्तु बप्पा रावल का व्यक्तित्व उन सबसे बढ़कर है | 

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